पश्चिम बंगाल:-देशव्यापी लॉकडाउन के बीच देशभर में गरीब वर्ग को परेशानी झेलनी पड़ रही है,ऐसे में यह राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है कि वह अपने राज्य में गरीब तबके का विशेष ख्याल रखें,अधिकतर राज्य ऐसा कर भी रहे हैं,लेकिन वहीं पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के राज में मुर्शिदाबाद के डोमकल इलाके में सैकड़ों लोग पिछले 20 दिनों से खाना नहीं मिलने की शिकायत कर रहे हैं,मजबूरन बुधवार को करीब 3 घंटे के लिए उन्होंने राज्य का हाईवे जाम कर दिया,पूरे प्रोटेस्ट में 400 से ज्यादा परिवारों ने भाग लिया था जिसके बाद स्थानीय प्रशासन के हस्तक्षेप से लोगों को वहां से हटाया गया और मामले को शांत कराया गया।
जानकारी के मुताबिक स्थानीय प्रशासन के हस्तक्षेप करने पर प्रदर्शन खत्म कर दिया गया,लेकिन लोगों ने अपनी भूख की चिंता व्यक्त करते हुए प्रशासन से अपनी मांग सामने रखी,नगर पालिका के अध्यक्ष मौके पर पहुंचकर इस बात को स्वीकार भी कर लेते हैं कि राशन डीलरों की वजह से गरीबी रेखा के नीचे वाले लोगों को आपूर्ति का कोटा नहीं मिल पाया है।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक राशन कार्ड धारक को 1 महीने में 5 किलो चावल और 5 किलो आटा मिलना चाहिए,आपको बता दें कि बावजूद इसके डोमकल नगर पालिका के वार्ड नंबर 10 के निवासी महादेव दास ने शिकायत की उन्होंने कहा कि,”हमारे क्षेत्र के राशन डीलर दुलाल शाह ने पिछले 2 सप्ताह में मुट्ठी भर परिवारों परिवारों को 1 किलो चावल दिया है” वहीं इलाके किस सुबोध दास कहते हैं कि,”हमें इस सरकार काम करने की अनुमति नहीं दे रही है क्या अब हम भूख से मरने वाले हैं हम जानते हैं कि हमें आंदोलन के लिए इतने सारे लोगों को इकट्ठा नहीं करना चाहिए हम अपने जीवन को जोखिम में डाल रहे हैं लेकिन भूख से मरने से पहले हमारे पास यही एक विकल्प था।”