-
नासा ने पूरी की विक्रम लैंडर की खोज
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने भारत की अंतरिक्ष एजेंसी इसरो द्वारा भेजे गए चंद्रयान-2 की खोज लगभग 87 दिन बाद कर ली है । नासा ने अपने लूनर ऑर्बिटर की मदद से चन्द्रयान-2 की दुर्घटना वाली जगह का अंदाजा लगाया है । नासा ने बताया कि भारतीय इंजीनियर शनमुग सुब्रमण्यम ने सबसे पहले मलबे के सबूत दिए थे जिसके बाद अब उसकी खोज नासा ने कर ली है ।
ट्विटर पर तस्वीर जारी करते हुए नासा ने बताया कि तस्वीर में दिखने वाले हरे डॉट्स ही चन्द्रयान-2 का मलबा है और नीले डॉट्स चांद की सतह पर आए हुए बदलाव को दर्शा रहे हैं ।
-
भारतीय इंजीनियर ने नासा से साझा की थी तसवीर
नासा ने बताया कि भारतीय इंजीनियर शनमुग के दिये गए सबूत के बाद ही नासा की टीम ने अपने एलआरओ प्रोजेक्ट से सम्पर्क कर उसे चन्द्रयान-2 का मलबा खोजने के निर्देश दिए थे,जिसके बाद नासा के ऑर्बिटर द्वारा ली गयी तसवीर से पता चला कि चांद की सतह पर पड़ा मलबा चन्द्रयान-2 का ही है।
image released by NASA
-
नासा ने दिया शनमुग को श्रेय
नासा ने अपनी इस खोज का श्रेय शनमुग को दिया है। शनमुग ने अपनी खोज को नासा की टीम के साथ साझा किया था जिसके बाद वह इस नतीजे तक पहुंचे की क्रैश लैंडिंग के 87 दिन बाद आज चन्द्रयान-2 के मलबे खोज कर ली गयी है। शनमुग की तस्वीरों के विश्लेषण के बाद ही वैज्ञानिकों ने बताया कि विक्रम लैंडर की क्रैश लैंडिंग तय साइट से लगभग 2500 मीटर दूरी पर हुई और उसका मलबा आसपास के छेत्र में फैल गया ।