यूपी की योगी सरकार ने एनजीटी के निर्देशों के मद्देनज़र एनसीआर के अलावा आगरा, कानपुर व लखनऊ समेत कई जिलों में पटाखे फोड़ने पर बैन लगा दिया है. अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने कहा कि हवा की गुणवत्ता बिगड़ रही है और इस समस्या के समाधान के लिए ऐसे कदम उठाए जाने की जरूरत है. अवनीश अवस्थी ने कहा कि मेरठ और आगरा समेत कुछ जिलों में पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. लखनऊ में कुछ श्रेणियों के पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया है. वाराणसी पर मंथन हो रहा है.
अतिरिक्त मजिस्ट्रेट आगरा अजय तिवारी ने बताया कि एनजीटी के आदेश के अनुपालन में कोई पटाखा फोड़ने की अनुमति नहीं होगी. सभी पुलिस स्टेशनों को आदेश के उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए कहा गया है. वहीं डीएम आगरा प्रभु नाथ सिंह ने कहा कि हम सरकारी आदेशों का इंतजार कर रहे हैं. जब तक आदेश नहीं आता हैं तब तक पटाखा दुकान के लिए कोई नया लाइसेंस जारी नहीं किया रहा है.
लखनऊ के संयुक्त पुलिस आयुक्त नवीन अरोड़ा ने कहा कि पटाखों की कुछ पर बैन लगाया गया है. दीपावली के दिन या गुरुपर्व जैसे किसी अन्य त्योहारों पर आतिशबाजी केवल रात 8 से रात 10 बजे के बीच की अनुमति दी जाएगी. इसके अलावा ,जिला प्रशासन ने शहर में नो क्रैकर जोन भी बनाया है, जिसमें अस्पताल, नर्सिंग होम, शैक्षणिक संस्थानों, न्यायालय और प्राणि उद्यानों के पास 100 मीटर क्षेत्र के भीतर पटाखों के उपयोग को प्रतिबंधित किया गया है.
इन राज्यों में भी पटाखों का बैन
दरअसल तेजी से बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने सोमवार को पटाखों को लेकर दिशा निर्देश जारी किया. पूरे एनसीआर में पटाखों जलाने और बिक्री पर पूरी तरह से 30 नवंबर तक बैन कर दिया. इससे पहले दिल्ली ने प्रदूषण के कारण तो राजस्थान, महाराष्ट्र जैसे राज्यों में कोरोना वायरस के कारण पटाखों पर बैन लगाने की घोषणा की है.
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने कि राज्य सरकार कोरोना के चलते दीपावली के दौरान पटाखों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने के आदेश जारी किया. येदियुरप्पा ने कहा कि हमने इस पर चर्चा की (पटाखा प्रतिबंध), हम दीपावली के दौरान पटाखों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने का फैसला कर रहे हैं। सरकार जल्द ही इस आशय का आदेश जारी करेगी.
वहीं, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पिछले सोमवार को ट्वीट कर जानकारी थी कि उनकी सरकार ने कोविड -19 रोगियों के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए और साथ ही पटाखों से निकलने वाले जहरीले धुएं से जनता को बचाने के लिए पटाखों की बिक्री और फटने पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया.