उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी एवं उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति जनजाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष बृजलाल ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव रिट्वीट पर उनको जवाब दिया है,बृजलाल ने कहा कि कानपुर में शहीद हुए 8 पुलिसकर्मियों की शहादत का अपमान अखिलेश यादव ने अपने ट्वीट से किया है उन्होंने यह भी कहा कि अपने पिता से सियासी मुठभेड़ करने वाले अखिलेश यादव वीर पुलिसकर्मियों की शहादत की कोई कीमत नहीं होती।
यूपी पुलिस के पूर्व डीजीपी ने अखिलेश यादव को आतंकियों का संरक्षक बताया,बोले हमेशा अखिलेश यादव ने आतंकियों और अपराधियों का साथ दिया है. @yadavakhilesh @samajwadiparty #VikasDubey #vikasDubeyEncounter pic.twitter.com/S4cstU8RFy
— Republic India (@inRepublicTV) July 5, 2020
इसी के साथ अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए बृजलाल ने कहा कि अखिलेश यादव क्या जाने मुठभेड़ क्या होती है,मुठभेड़ में जिंदगी और मौत से चंद सेकंड का ही अंतर होता है,मैंने खुद सैकड़ों बार मुठभेड़ का नेतृत्व किया है और 19 दुरान्त अपराधियों को जहन्नम तक पहुंचाया है,बृजलाल ने बताया कि उनके सेवाकाल में उन्होंने 300 से अधिक दौरान अपराधियों और आतंकवादियों को यूपी पुलिस ने जहन्नुम पहुंचाया है।
अखिलेश ने ये ट्वीट किया !!!
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 3, 2020
आपको बता देंगे अखिलेश यादव ने बीबीसी के एक कार्टून को ट्विटर पर ट्वीट किया था,जिसमें पुलिस वाले गैंगस्टर विकास दुबे को आवाज लगा रहे हैं कि हमने तुम्हें चारों ओर से घेर लिया ह, इस पर विकास दुबे की तरफ से भी जवाब आता है सेम टू यू। हालांकि शहीद पुलिसकर्मियों की शहादत के बाद अखिलेश यादव को ऐसा ट्वीट करना शोभा नहीं देता।
और क्या कहा पूर्व डीजीपी बृजलाल ने …
आपको बताते चलें कि बृजलाल ने अपने सेवाकाल की कुछ घटनाओं का हवाला देते हुए उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर आतंकवादियों और अपराधियों को संरक्षण देने का आरोप भी लगाया,उन्होंने बताया कि 23 नवंबर 2007 को हूजी के आतंकवादियों ने फैजाबाद, लखनऊ व वाराणसी की कचहरी में बम ब्लास्ट करके वकीलों सहित एक दर्जन से अधिक लोगों की हत्या की थी। जिसके बाद बाराबंकी से बृजलाल ने आतंकवादी खालिद मुजाहिद और तारिक कासमी की गिरफ्तारी कराई थी। जिसमें भारी मात्रा में RDX पकड़ा गया था,उसके बाद 18 मई 2013 को दोनों आतंकियों को फैजाबाद से पुलिस वाहन में ले जाया जा रहा था,जिसमें लू लगने की वजह से खालिद मुजाहिद की मौत हो गई,जिसके बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के निर्देश पर मेरे सहित 42 पुलिसकर्मियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज कराकर एसटीएफ को जांच सौंप दी गई थी और उन्हें संदेश दिया गया था कि आतंकियों की तरफ नजर भी ना उठाना।