बाराबंकी:- देशभर में कोरोना के कहर से देशव्यापी लॉकडाउन जारी है, इसी लॉकडाउन के बीच घर बैठे शौहर ने बीवी से चाय की मांग की तो बीवी ने मना कर दिया,जिसके बाद गुस्साए शौहर ने बीवी को तीन तलाक दे दिया और बच्चे के साथ घर के बाहर कर दिया। पूरा मामला उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले का है,जहां पर बाराबंकी के एक गांव में लॉकडाउन के दौरान घर पर बैठे हाजी अफजल ने अपनी बीवी दरकशा को घर से निकाल दिया वह भी तब जब कोरोना जैसी महामारी से लड़ने के लिए लॉकडाउन जारी है।
आपको बता दें कि बीवी से चाय मांगने पर जब बीवी ने बात को अनसुना कर दिया और शौहर को चाय नहीं दी तो शौहर साहब नाराज हो गए और फिर क्या गुस्से में अपनी बीवी को तीन तलाक दे दिया और मासूम से बच्चे के साथ घर निकाला भी कर दिया,देश में यह कुप्रथा नरेंद्र मोदी सरकार ने 19 सितंबर 2018 को ही खत्म कर दी थी जब मोदी सरकार ने तीन तलाक के बिल को लोकसभा में पास करवाया था। तीन तलाक को अपराध बनाने वाले बिल पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने हस्ताक्षर किया था,जिसके बाद 19 सितंबर 2018 के बाद तीन तलाक से संबंधित मामले अपराध की दृष्टिया में आते हैं।
दरअसल 3 साल पहले पीड़ित दरकशा का विवाह हाजी अफ़ज़ल से हुआ था,जिनका अब 2 साल का बेटा भी है दरकशा ने बताया कि वह बच्चे को दूध पिला रही थी तभी शौहर ने उनसे चाय की मांग कर दी,लेकिन बच्चे को दूध देने के लिए बोतल में दूध डालने की वजह से वह उनको चाय नहीं दे पाई,इसके बाद दरकशा के पति ने उन्हें मारा और तीन तलाक देकर बच्चे समेत घर से भगा दिया। दरकशा ने बताया की लॉकडाउन के चलते वह अपने घर लखनऊ भी नहीं जा सकती है,इसलिए वह अपने रिश्तेदारों के यहां उसी गांव में रह रही है। साथ ही पुलिस से न्याय की गुहार भी लगा रही है।
जानकारी के मुताबिक यूपी पुलिस ने महिला की शिकायत पर एक्शन लेते हुए हाजी अफजल और उसके परिवार वालों पर मुकदमा दर्ज कर लिया है जिसके बाद आगे की कार्यवाही जांच के बाद शुरू की जाएगी।
लेकिन एक देश में दो कानून मानने वाले लोग आखिर कब तक इस कुप्रथा का इस्तेमाल करते रहेंगे,जब देश का कानून एक है तो अपना अलग कानून चलाने की इजाजत आखिर इन्हें कौन देता है?